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बीए सेमेस्टर-3 अर्थशास्त्र

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :171
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2640
आईएसबीएन :000000000

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बीए सेमेस्टर-3 अर्थशास्त्र : सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- सीमान्तवादी क्रान्ति की व्याख्या कीजिए तथा इस सम्बन्ध में मेंजर के विचारों की विवेचना कीजिए।

अथवा
सीमान्तवादी क्रान्ति का संक्षेप में मूल्याँकन कीजिए।
अथवा
1860 के दशक की सीमान्तवादी क्रांति में मेंजर का क्या स्थान है? उसके आर्थिक विचारों का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।

उत्तर-

1870 ई0 के दशक में गणितीय सम्प्रदाय के अर्थशास्त्री जेवन्स मेंजर एवं वालरस ने आर्थिक समस्याओं के समाधान के लिए सीमान्तवादी विश्लेषण का सहारा लिया। इन अर्थशास्त्रियों ने सीमान्त उपयोगिता के विचार को प्रतिपादित किया। इनके अनुसार मूल्य निर्धारण का सार सीमान्त उपयोगिता ही है। जेवन्स के अनुसार प्रत्येक वस्तु का मूल्य उसकी सीमान्त उपयोगिता के आधार पर तय होने के कारण, किन्हीं दो वस्तुओं के मध्य विनिमय अनुपात उन दोनों वस्तुओं की सीमान्त उपयोगिता के अनुपात का उल्टा होता है। वालरा के अनुसार अधिकतम सन्तुष्टि तभी प्राप्त होती है जबकि वस्तु को दिया गया मूल्य वस्तु की सीमान्त उपयोगिता के अनुपात में हो। दूसरे शब्दों में, इन अर्थशास्त्रियों ने सीमान्त विश्लेषण पर अधिक बल दिया है। इस कारण इनके विचारों को सीमान्तवादी क्रान्ति कहा जाता है।

मेंजर के प्रमुख आर्थिक विचार

मेंजर के प्रमुख आर्थिक विचारों की व्याख्या निम्नवत् शीर्षकों में की जा सकती है -


1. आवश्यकताएँ - मेंजर में परम्परावादी अर्थशास्त्रियों के वैचारिक दोषों को दूर करके अर्थशास्त्र के कारण तथा परिणाम पर आधारित एक युक्त विज्ञान का रूप प्रदान किया था। मेंजर के धन के स्थान पर अर्थशास्त्र को मनुष्य की आर्थिक क्रियाओं का केन्द्र घोषित किया। मेंजर का कहना था कि वस्तुओं का मूल्य इसलिए होता है और उनमें उपयोगिता होती है, क्योंकि उनके द्वारा मानव आवश्यकताओं की तुष्टि करने की शक्ति होती है।

2. मूल्य निर्धारण का सिद्धान्तं मेंजर का मूल्य निर्धारण का सिद्धान्त पूर्णतः व्यक्तिपरक है उनके मतानुसार वस्तु की उत्पादन लागत की वस्तु के मूल्य पर प्रत्यक्ष कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। अपने इस तर्क को मेंजर ने एक उदाहरण द्वारा इस प्रकार समझाया है, यद्यपि नदी के तट पर रेत का ढेर लगाने में मानव श्रम का व्यय होता है परन्तु इसका कुछ भी मूल्य नहीं होता परन्तु इसके विपरीत स्वर्ण की अँगूठी, जो सड़क पर पड़ी हुई पायी जाती है, का मूल्य होता है यद्यपि प्राप्तकर्ता व्यक्ति के लिए इसको प्राप्त करने की उत्पादन लागत शून्य होती है।

3. वस्तुओं का वर्गीकरण - कार्ल मेंजर का दूसरा विशेष योगदान वस्तुओं का वर्गीकरण है। दुर्लभता अथवा प्रचुरता के अनुसार वस्तुएँ आर्थिक तथा अनार्थिक दो प्रकार की होती है। किसी वस्तु की आर्थिक दृष्टि से वस्तु कहलाने के लिए उसमें निम्नलिखित चारों बातों का होना आवश्यक है।

1. वस्तु के लिए मानव आवश्यकता होनी चाहिए।

2. वस्तु में ऐसे गुण होने चाहिए कि उसके द्वारा मानव आवश्यकताओं की तुष्टि हो सके।

3. मनुष्य को यह ज्ञान होना चाहिए कि वस्तु में आवश्यकता की तुष्टि करने का गुण विद्यमान है।

4. वस्तु पर मनुष्य का पर्याप्त अधिकार अथवा नियन्त्रण होना चाहिए जिससे की मानव आवश्यकता की तुष्टि हो सके।

4. अर्थशास्त्र के अध्ययन की रीतियाँ - अर्थशास्त्र के अध्ययन की रीतियों के विषय में मेंजर ने निगमन तथा आगमन दोनों रीतियों के लाभों की विस्तृत व्याख्या की है। मेंजर का कहना था कि आर्थिक घटनाओं का सही प्रकार से अध्ययन करने के लिए दोनों अध्ययन रीतियों का प्रयोग समान रूप से आवश्यक था। इस प्रकार मेंजर ने निगमन रीति की इसकी खोई हुई प्रतिष्ठा पुनः प्रदान करने में काफी महत्त्वपूर्ण योगदान प्रदान करके परम्परावादी सम्प्रदाय तथा इतिहासवादी सम्प्रदाय को परस्पर पूरक बनाकर एक-दूसरे के निकटतम लाने का प्रयास किया।

5. वितरण का सिद्धान्त - वितरण के क्षेत्र में मेंजर ने आकलन सिद्धान्त को अपनाया। उन्होंने बताया कि प्रत्येक उत्पादन साधन का मूल्य उसकी सीमान्त उत्पादकता पर निर्भर करता है।

6. विनिमय - मेंजर के अनुसार विनिमय की क्रिया के द्वारा मनुष्य अपनी आवश्कताओं की अधिकतम सन्तुष्टि सुविधापूर्वक कर सकता है। विनिमय के लिए अनिवार्य बातें निम्नवत् हैं -

1. मनुष्य के पास ऐसी वस्तुएँ होनी चाहिए जिनका मूल्य दूसरे व्यक्ति के पास पायी जाने वाली वस्तुओं की अपेक्षा कम हों, क्योंकि कोई दूसरे व्यक्ति की वस्तु के बदले में अपनी वस्तु विनिमय में वह तभी देगा जब उसे ऐसा करने से लाभ प्राप्त हो। यह विनिमय के लिए अत्यन्त जरूरी है।

2. विनिमय के दोनों पक्षों को इस बात की जानकारी होनी चाहिए।

3. विनिमय करने वाले पक्षों को विनिमय करने का पूर्ण अधिकार प्राप्त होना चाहिए।

4. विनिमय करने में उठाई जाने वाली असुविधा विनिमय के द्वारा प्राप्त किये जाने वाले लाभ की अपेक्षा कम होना चाहिए। विनिमय की उपर्युक्त शर्तों को बताने के बाद मेंजर कहते हैं कि विनिमय की शर्तें विनिमय कर्त्ताओं की संख्या, बाजार की स्थिति तथा विनिमय की जाने वाली वस्तु की पूर्ति तथा माँग के द्वारा निर्धारित की जाती हैं।

सीमान्तवादी क्रान्ति में मेंजर का स्थान
(Place of Menger in the Marginalist Revolution)

मेंजर द्वारा कुछ मूलभूत आर्थिक शब्दों एवं सिद्धान्तों की अति मौलिक तरीके से व्याख्या की गयी एवं उन्हें कारण व परिणाम के सिद्धान्त से सम्बन्धित किया गया। इनके विचार में आवश्यकता उत्पन्न होने की स्थिति से उसकी संतुष्टि की अवस्था कारण के सिद्धान्त से सम्बन्धित है तथा यही उनके विश्लेषण का मूल विषय है। मेंजर प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों के आर्थिक सिद्धान्तों को परिष्कृत रूप में बताने में सफल रहें हैं। इनके आर्थिक विचारों को सुधार के रूप में देखा जाता है। मेंजर द्वारा वस्तुओं के वर्गीकरण, आवश्यकताओं के विवेचन, मूल्य सिद्धान्त, मुद्रा, विनिमय, वितरण, पूँजी आदि के बारे में विचार दिए गए हैं।

मेजर के आर्थिक विचारों का आलोचनात्मक मूल्याँकन
(Critical Assessment of the Economic Thought of Menger)

कार्ल मेंजर ने अर्थशास्त्र को वैज्ञानिक आधार प्रदान किया है। इसके कारण इनके विचार वैज्ञानिक कहलाते हैं। कार्ल मेंजर ने निगमन विधि का प्रयोग करके आर्थिक अध्ययन की नई विधि विश्लेषित करने में सफलता प्राप्त की है। इन्होंने अर्थशास्त्र के मुख्य विषय जैसे - आवश्यकता, पूँजी, मुद्रा, विनिमय, वितरण आदि शब्दों का नई सोच के साथ आर्थिक विश्लेषण प्रस्तुत करने में सफलता प्राप्त की है।

मेंजर को आस्ट्रियन सम्प्रदाय का अग्रणी माना जाता है। इन्होंने जो विचार प्रस्तुत किए उन्हें पूर्ण रूप से मौलिक नहीं माना जा सकता क्योंकि उन्होंने स्वयं स्वीकार किया है कि राजनीतिक अर्थ विज्ञान में उन्होंने जो भी संशोधन किए हैं वे सामान्य रूप से जर्मन लेखकों के पूर्व विचारों पर आधारित हैं। परन्तु उन्होंने उन विचारों को दृढ़तापूर्वक, सावधानी से परिपक्व रूप में प्रस्तुत किया। प्रो. हचेसन के अनुसार, “उनके विचारों की आंशिक रूप से स्पष्ट मौलिकता को ध्यान में रखते हुए उन्हें सैद्धान्तिक अर्थशास्त्रियों की श्रेष्ठ उपलब्धियों में रखना चाहिए। "

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- भारत के प्राचीनकालीन आर्थिक विचारधारा के प्रमुख स्रोतों का उल्लेख कीजिए।
  2. प्रश्न- कौटिल्य रचित 'अर्थशास्त्र' में 'कल्याणकारी राज्य' की परिकल्पना को स्पष्ट कीजिए।
  3. प्रश्न- कौटिल्य की पुस्तक 'अर्थशास्त्र' में उल्लेखित विषयों की व्याख्या कीजिए।
  4. प्रश्न- प्राचीन भारतीय आर्थिक विचारधारा की मुख्य विशेषताएँ क्या थीं?
  5. प्रश्न- अर्थशास्त्र में उल्लिखित 'कृषि तथा पशुपालन' विषय पर टिप्पणी लिखिए।
  6. प्रश्न- कौटिल्य के राजस्व के संबंध में विचारों पर प्रकाश डालिए।
  7. प्रश्न- कौटिल्य के सार्वजनिक वित्त संबंधी विचारों पर प्रकाश डालिए।
  8. प्रश्न- कौटिल्य के कल्याणकारी राज्य की अवधारणा पर प्रकाश डालिए।
  9. प्रश्न- कौटिल्य के अनुसार, करारोपण राज्य के लिए क्यों आवश्यक है?
  10. प्रश्न- भारत में 19वीं शताब्दी में आर्थिक विचारधारा का विकास किन बातों से प्रभावित हुआ?
  11. प्रश्न- नरौजी के प्रमुख आर्थिक सिद्धान्तों की विवेचना कीजिए।
  12. प्रश्न- दादा भाई नौरोजी के निर्धनता सम्बन्धी विचार को समझाइये |
  13. प्रश्न- 'निष्कासन सिद्धान्त (The Drain Theory)' पर टिप्पणी कीजिए।
  14. प्रश्न- रोमेश चन्द्र दत्त का सामान्य परिचय दीजिए।
  15. प्रश्न- रोमेश चन्द्र दत्त के कृषि सम्बन्धी विचारों का वर्णन कीजिए।
  16. प्रश्न- "भारत की निर्धनता का कारण ब्रिटिश सरकार की शोषण नीति है।" रोमेश दत्त के इस कथन का विश्लेषण कीजिए।
  17. प्रश्न- "लगान की ऊँची दर भारतीय कृषि की दुर्दशा का एक प्रमुख कारण है।" स्पष्ट कीजिए।
  18. प्रश्न- रोमेश दत्त के आर्थिक विचारों का वर्णन कीजिए।
  19. प्रश्न- डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर के आर्थिक विचारों की व्याख्या कीजिए।
  20. प्रश्न- डॉ. राम मनोहर लोहिया के प्रमुख आर्थिक विचारों की व्याख्या कीजिए।
  21. प्रश्न- गाँधी जी के 'समाजवाद' दर्शन का वर्णन कीजिए।
  22. प्रश्न- गाँधीजी और नेहरू जी के आर्थिक विचारों की तुलना कीजिए।
  23. प्रश्न- गाँधीवाद तथा साम्यवाद में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  24. प्रश्न- गाँधीजी के प्रमुख आर्थिक विचारों की विवेचना कीजिए।
  25. प्रश्न- गाँधीजी के मशीन सम्बन्धी विचारों को बताइये।
  26. प्रश्न- "नेहरूवाद मार्क्सवाद और गाँधीवाद का विवेकपूर्ण सम्मिश्रण है।" संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  27. प्रश्न- पंडित दीनदयाल उपाध्याय की आर्थिक नीति की मुख्य विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  28. प्रश्न- पं. दीनदयाल उपाध्याय भारी उद्योगों को अमानवीय और तानाशाही प्रकृति का मानते थे। क्यों? स्पष्ट कीजिए।
  29. प्रश्न- पं. दीनदयाल उपाध्याय की विकेन्द्रीकृत अर्थव्यवस्था की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए।
  30. प्रश्न- पं. दीनदयाल उपाध्याय के समग्र मानवतावाद के दर्शन की व्याख्या कीजिए।
  31. प्रश्न- दीन दयाल उपाध्याय की एकीकृत आर्थिक नीति की व्याख्या कीजिए।
  32. प्रश्न- अर्थशास्त्र में 'आवश्यकता विहीनता' की परिभाषा के जन्मदाता प्रो. जे. के. मेहता हैं। इनके आर्थिक विचार समझाइए।
  33. प्रश्न- अमर्त्य सेन के 'निर्धनता' सम्बन्धी विचार लिखिए।
  34. प्रश्न- वैश्वीकरण पर अमर्त्य सेन के विचारों का विश्लेषण कीजिए।
  35. प्रश्न- विश्व व्यापार प्रणाली के सन्दर्भ में भगवती के विचारों का विश्लेषण कीजिए।
  36. प्रश्न- व्यापार उदारीकरण पर भगवती के विचारों का वर्णन कीजिए।
  37. प्रश्न- प्लेटो के प्रमुख आर्थिक विचारों की विवेचना कीजिए।
  38. प्रश्न- प्लेटो और अरस्तू के आर्थिक विचारों की तुलना कीजिये तथा आर्थिक विचारों के इतिहास में अरस्तू का महत्व बताइये।
  39. प्रश्न- प्राचीन आर्थिक विचारधाराओं की प्रमुख विशेषताएँ कौन-कौन सी थीं?
  40. प्रश्न- प्लेटो के 'साम्यवाद' की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  41. प्रश्न- सेण्ट थॉमस एक्विनास के आर्थिक विचारों का वर्णन कीजिए।
  42. प्रश्न- उचित कीमत (Just price) सम्बन्धी सन्त थॉमस एक्विनास के विचारों का वर्णन कीजिए।
  43. प्रश्न- सन्त थॉमस एक्विनास के श्रम विभाजन सम्बन्धी विचारों की समीक्षा कीजिए।
  44. प्रश्न- वणिकवाद के उदय के मूल कारकों पर प्रकाश डालिए।
  45. प्रश्न- 'वणिकवाद' के पतन के प्रमुख कारणों की विवेचना कीजिए।
  46. प्रश्न- उन परिस्थितियों का आलोचनात्मक विवेचन कीजिए जिन्होंने वणिकवाद को बढ़ावा दिया और जो इसके पतन का कारण बनीं।
  47. प्रश्न- वणिकवाद के सिद्धान्त एवं नीतियाँ लिखिये।
  48. प्रश्न- वाणिकवाद से क्या आशय है?
  49. प्रश्न- वणिकवादी दर्शन के मुख्य तत्त्व क्या थे?
  50. प्रश्न- वणिकवाद का आर्थिक विचारों के इतिहास में क्या महत्व है?
  51. प्रश्न- वणिकवाद के ब्याज के सिद्धांत की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
  52. प्रश्न- नव-वणिकवाद के उदय के कारण क्या हैं? संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  53. प्रश्न- पुराने वणिकवाद तथा नव-वणिकवाद में समानताएँ क्या हैं?
  54. प्रश्न- सोना चाँदी का महत्व बताइये।
  55. प्रश्न- वणिकवाद की एक राष्ट्रीय नीति के सन्दर्भ में चर्चा कीजिए।
  56. प्रश्न- वणिकवादियों के 'राज्य सम्बन्धी विचार' क्या थे? स्पष्ट कीजिए।
  57. प्रश्न- 'वणिकवाद एवं राज्य समाजवाद' पर टिप्पणी कीजिए।
  58. प्रश्न- थॉमस मून के आर्थिक विचारों का वर्णन कीजिए।
  59. प्रश्न- प्रकृतिवाद क्या है? प्रकृतिवादी वणिकवादियों का क्यों विरोध करते हैं?
  60. प्रश्न- प्रकृतिवाद और वणिकवाद के अर्थशास्त्रीय दर्शन में क्या मूलाधारीय अन्तर है? उनके समाज की आर्थिक दशाओं में प्रकृतिवादियों की देन की व्याख्या कीजिये।
  61. प्रश्न- प्रकृतिवाद के उदय के कौन-कौन से कारण उत्तरदायी थे?
  62. प्रश्न- आर्थिक तालिका अथवा धन के परिभ्रमण से क्या आशय है?
  63. प्रश्न- आर्थिक तालिका की दुर्बलताओं की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
  64. प्रश्न- 'प्रकृतिवादी सिद्धान्त' क्या है? स्पष्ट कीजिए।
  65. प्रश्न- समान त्याग के सिद्धान्त से क्या अभिप्राय है?
  66. प्रश्न- "सहयोगी समाजवादी" से क्या तात्पर्य है?
  67. प्रश्न- सर विलियम पैटी के आर्थिक विचारों का वर्णन करें।
  68. प्रश्न- तुर्गो (Turgot) के आर्थिक विचारों का वर्णन कीजिए।
  69. प्रश्न- लॉक के मूल्य सम्बन्धी विचारों का वर्णन कीजिए।
  70. प्रश्न- लॉक के सम्पत्ति सम्बन्धी विचारों का वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- लॉक के मुद्रा सम्बन्धी विचारों का वर्णन कीजिए।
  72. प्रश्न- लॉक का विदेशी व्यापार सम्बन्धी व्यापार संतुलन के सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- "डेविड ह्यूम (David Hume) को मुद्रावाद का सूत्रधार कहा जाता है।" इस कथन की समीक्षा कीजिए।
  74. प्रश्न- एडम स्मिथ की पुस्तक 'राष्ट्रों का धन' (Wealth of Nations) का तत्कालिक आर्थिक विचारधारा पर क्या प्रभाव पड़ा?
  75. प्रश्न- एडम स्मिथ के आर्थिक विचारों के विकास में योगदानों का विवरण दीजिए तथा उनके, आर्थिक सिद्धान्तों का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
  76. प्रश्न- एडम स्मिथ की व्यवस्था के अन्तर्गत " श्रम विभाजन" और "बाजार के विस्तार" की भूमिका स्पष्ट कीजिए।
  77. प्रश्न- 'परम्परावाद' क्या है? स्पष्ट कीजिए।
  78. प्रश्न- आर्थिक विचारों के इतिहास में स्मिथ के स्थान को चिन्हित कीजिए।
  79. प्रश्न- अहस्तक्षेप नीति क्या है?
  80. प्रश्न- स्मिथ के सिद्धान्तों का समालोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
  81. प्रश्न- स्मिथ का आशावाद क्या है?
  82. प्रश्न- एडम स्मिथ के पूँजी संचय सम्बन्धी विचारों का वर्णन कीजिए।
  83. प्रश्न- वितरण सम्बन्धी एडम स्मिथ के विचारों का विश्लेषण कीजिए।
  84. प्रश्न- एडम स्मिथ के व्यापार सम्बन्धी विचारों को स्पष्ट कीजिए।
  85. प्रश्न- एडम स्मिथ के आशावाद पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
  86. प्रश्न- स्मिथ के प्रकृतिवाद पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  87. प्रश्न- "रिकार्डों का मुख्य योगदान मूल्य सिद्धान्त तथा वितरण सिद्धान्त के क्षेत्र में है। " व्याख्या कीजिए।
  88. प्रश्न- रिकार्डो के अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के सिद्धान्त की आलोचनात्मक विवेचना कीजिए।
  89. प्रश्न- उन परिस्थितियों का वर्णन कीजिये जिनसे प्रकृतिवाद का जन्म हुआ। प्रकृतिवाद का आर्थिक विचारों में क्या योगदान है?
  90. प्रश्न- रिकार्डों के अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के सिद्धान्त की चर्चा कीजिए।
  91. प्रश्न- डेविड रिकार्डों के 'मजदूरी सिद्धान्त' पर टिप्पणी कीजिए।
  92. प्रश्न- रिकार्डों का तुलनात्मक लागत सिद्धान्त बताइए।
  93. प्रश्न- रिकार्डों की प्रसिद्ध पुस्तक 'The Principles of Political Economy and Taxation' पर टिप्पणी लिखिए।
  94. प्रश्न- रिकार्डो के लगान सिद्धान्त की आलोचना कीजिए।
  95. प्रश्न- माल्थस के 'जनसंख्या सिद्धान्त' की व्याख्या कीजिए तथा इसकी आलोचनाओं को बताइए।
  96. प्रश्न- नव-माल्थसवाद क्या है? इसके प्रमुख आर्थिक विचारों की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  97. प्रश्न- अति उत्पादन तथा लगान पर माल्थस के विचारों की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
  98. प्रश्न- माल्थस के 'लगान' सम्बन्धी विचार को स्पष्ट कीजिए।
  99. प्रश्न- माल्थस के 'प्रभावी माँग के सिद्धान्त' का विश्लेषण कीजिए।
  100. प्रश्न- माल्थस और रिकार्डो को निराशावादी क्यों कहा जाता है? स्पष्ट कीजिए।
  101. प्रश्न- माल्थस के विचारों को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक क्या थे? विवेचन कीजिए।
  102. प्रश्न- 'मार्क्स अन्तर्राष्ट्रीय समाजवाद के पिता के रूप में था।' स्पष्ट कीजिए।
  103. प्रश्न- कार्ल मार्क्स के 'द्वन्द्वात्मक भौतिकवाद' को स्पष्ट कीजिए।
  104. प्रश्न- मार्क्स के 'अतिरेक मूल्य सिद्धान्त' की व्याख्या कीजिए तथा इसकी प्रमुख आलोचनाओं को स्पष्ट कीजिए।
  105. प्रश्न- मार्क्स के आर्थिक विघटन सम्बन्धी विचार की व्याख्या कीजिए।
  106. प्रश्न- "मार्क्सवाद परम्परावाद के तने पर उगी हुई शाखा मात्र है।" उक्त कथन की व्याख्या कीजिए।
  107. प्रश्न- क्या कार्ल मार्क्स को प्रतिष्ठित सम्प्रदाय का अर्थशास्त्री माना जा सकता है? विस्तार से समझाइए।
  108. प्रश्न- सहयोगी समाजवाद, राज्य समाजवाद और वैज्ञानिक समाजवाद की तुलना कीजिए और उनका अन्तर भी स्पष्ट कीजिए।
  109. प्रश्न- कार्ल मार्क्स द्वारा प्रतिपादित आधुनिक समाजवाद के मुख्य सिद्धान्तों की व्याख्या कीजिए।
  110. प्रश्न- सिसमाण्डी के आर्थिक विचारों का वर्णन कीजिए।
  111. प्रश्न- "सिसमाण्डी समाजवादी विचारक था। " सिद्ध कीजिए।
  112. प्रश्न- मार्क्सवाद की विचारधारा के मूल तत्त्व कौन-कौन से थे?
  113. प्रश्न- मार्क्सवाद की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
  114. प्रश्न- वर्ग संघर्ष पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  115. प्रश्न- जे. एस. मिल के प्रमुख आर्थिक विचारों का उल्लेख कीजिए।
  116. प्रश्न- जे. एस. मिल के आर्थिक विचारों पर प्रभाव डालने वाले मुख्य घटकों की विवेचना कीजिए।
  117. प्रश्न- जे आर. हिक्स के विचारों की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  118. प्रश्न- "मिल के द्वारा परम्परावादी अर्थशास्त्र पूर्ण रूप से विकसित किया गया और उसी के साथ उसका पतन प्रारम्भ हुआ।" इस कथन की व्याख्या कीजिए।
  119. प्रश्न- जे. एस. मिल परम्परावादी सिद्धान्तों के किन-किन नियमों से सहमत तथा किन-किन नियमों से असहमत था? स्पष्ट कीजिए।
  120. प्रश्न- जे. एस. मिल के स्वहित सिद्धान्त की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
  121. प्रश्न- जे. एस. मिल के स्वतन्त्रता प्रतियोगिता के सिद्धान्त की विवेचना कीजिए।
  122. प्रश्न- जे. एस. मिल के जनसंख्या सिद्धांत की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
  123. प्रश्न- मिल के समाजवादी विचारों की आलोचना कीजिए।
  124. प्रश्न- 'जे. एस. मिल समाजवादी था'। इस कथन के पक्ष में तर्क दीजिए।
  125. प्रश्न- जे. एस. मिल के आर्थिक विचारों का मूल्यांकन कीजिए।
  126. प्रश्न- जे. बी. से के आर्थिक विचारों का वर्णन कीजिए।
  127. प्रश्न- जे. एस. मिल के मजदूरी सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
  128. प्रश्न- मिल के अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
  129. प्रश्न- 'मूल्य व वितरण' के क्षेत्र में मार्शल के योगदान का वर्णन कीजिए।
  130. प्रश्न- स्पष्ट व्याख्या कीजिए कि नव-परम्परावाद क्या है? इस सन्दर्भ में मार्शल के आर्थिक सिद्धान्त के क्षेत्र में योगदान का विश्लेषण कीजिए।
  131. प्रश्न- नव परम्परावाद क्या है? परम्परावादी एवं नव परम्परावादी विचारों में अन्तर बताइये।
  132. प्रश्न- प्रकृतिवाद को जन्म देने वाली शक्तियों की व्याख्या कीजिए तथा आर्थिक विचारधारा में उसका मुख्य योगदान बताइये।
  133. प्रश्न- मार्शल के निरंतरता सिद्धांत पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  134. प्रश्न- मार्शल के आभास लगान के संबंध में विचारों की विवेचना कीजिए।
  135. प्रश्न- प्रतिनिधि फर्म के विषय में मार्शल के विचारों पर प्रकाश डालिए।
  136. प्रश्न- मार्शल ने अल्पकालीन व दीर्घकालीन विवाद के हल को कैसे सुलझाया?
  137. प्रश्न- परम्परावादी तथा नवपरम्परावादी विचारों में अन्तर कीजिए।
  138. प्रश्न- मार्शल के उपयोगितावाद पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  139. प्रश्न- शुद्ध उत्पत्ति का सिद्धान्त बताइए।
  140. प्रश्न- राबिन्स के विचारों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  141. प्रश्न- पीगू के आर्थिक कल्याण सम्बन्धी विचारों का विश्लेषण कीजिए।
  142. प्रश्न- पीगू ने अर्थशास्त्र का क्षेत्र निर्धारण किस प्रकार किया है?
  143. प्रश्न- पीगू के रोजगार सम्बन्धी विचार का वर्णन कीजिए।
  144. प्रश्न- पीगू के समाजवादी विचारों का वर्णन कीजिए।
  145. प्रश्न- शुम्पीटर के आर्थिक विचारों का वर्णन कीजिए।
  146. प्रश्न- सीमान्तवाद क्या है? सीमान्तवादियों का अर्थशास्त्र में क्या योगदान रहा है?
  147. प्रश्न- क्रूनो के आर्थिक विचारों का वर्णन कीजिए।
  148. प्रश्न- मूल्य निर्धारण के सम्बन्ध में क्रूनो के विचारों का विश्लेषण कीजिए।
  149. प्रश्न- गोसेन के आर्थिक विचारों पर प्रकाश डालिए।
  150. प्रश्न- जेवन्स के मूल्य सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
  151. प्रश्न- प्रो. एल. वालरा (वालरस) के बाजार सन्तुलन सिद्धान्त की विवेचना कीजिए।
  152. प्रश्न- सिसमण्डी के आर्थिक विचारों की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिये।
  153. प्रश्न- सीमान्तवादी क्रान्ति की व्याख्या कीजिए तथा इस सम्बन्ध में मेंजर के विचारों की विवेचना कीजिए।
  154. प्रश्न- जेवन्स के प्रमुख आर्थिक विचारों की विवेचना कीजिए।
  155. प्रश्न- कार्ल मेंजर के द्रव्य सम्बन्धी विचारों को संक्षेप में लिखिए।
  156. प्रश्न- विकस्टीड के आर्थिक विचारों का वर्णन कीजिए।
  157. प्रश्न- वालरस के उपयोगिता सम्बन्धी विचार का वर्णन कीजिए।
  158. प्रश्न- वालरस के साम्य सम्बन्धी विचारों का वर्णन कीजिए।
  159. प्रश्न- कार्ल मेंजर के आर्थिक विचारों पर प्रकाश डालिए
  160. प्रश्न- कार्ल मेंजर के विनिमय सम्बन्धी विचारों का वर्णन कीजिए।
  161. प्रश्न- कार्ल मेंजर के अनुसार वस्तुओं के वर्गीकरण का विश्लेषण कीजिए।
  162. प्रश्न- कार्ल मेंजर के मुद्रा सम्बन्धी विचारों का विश्लेषण कीजिए।
  163. प्रश्न- जेवेन्स के मूल्य सिद्धान्त का विश्लेषण कीजिए।
  164. प्रश्न- जेवेन्स के आर्थिक विचारों का विश्लेषण कीजिए।
  165. प्रश्न- यूजिन वॉन बाम बावर्क के आर्थिक विचारों का वर्णन कीजिए।
  166. प्रश्न- बाम बावर्क के मूल्य सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
  167. प्रश्न- नटविकसेल के आर्थिक विचारों का वर्णन कीजिए।
  168. प्रश्न- इविंग फिशर के प्रमुख आर्थिक विचारों का वर्णन कीजिए।
  169. प्रश्न- "मुद्रा प्रसार व संकुचन दोनों हानिकारक हैं।" इविंग फिशर के इस विचार का विश्लेषण कीजिए।
  170. प्रश्न- फिशर के मुद्रा के परिमाण सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।

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